Kanhaiya Lal Polytechnic Roorkee

KANHAIYA LAL POLYTECHNIC ROORKEE

(Established by K. L. Trust)

Approved By All India Council For Technical Education (AICTE), New Delhi
Affiliated to Uttarakhand Board of Technical Education, Roorkee (UBTER)

National Service Scheme (NSS)

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राष्ट्रीय सेवा योजना
देश के स्वतन्त्र होने के उपरान्त से ही किसी ऐसी योजना के लागू किये जाने की सम्भावनाओ पर विचार विमर्ष प्रारम्भ हो गया था, जिसके माध्यम से छात्र छात्राओं में स्नेह, सहानुभूति सहिष्णुता, सर्मपण, सेवा जैसे भाव पैदा हो सके तथा वे अपने शिक्षण काल में ही भविष्य के योग्य नागरिक के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त कर सके। सन 1950 में प्रथम शिक्षा आयोग ने छात्रो द्वारा स्वेच्छा से राष्ट्र सेवा की संस्तुति की थी। सन 1958 में तत्कालीन प्रधानमन्त्री प० जवाहर लाल नेहरू द्वारा दिये गये निर्देषो, 1956 की शिक्षा मंत्री की बैठक, 1959 की ही डॉ0 सी0 डी० देशमुख की अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिशो 1960 में के० जी० सैयद्दीन द्वारा विश्व के कुछ देशों के छात्रों द्वारा की गई राष्ट्रीय सेवा के अध्ययन, शिक्षा समिति (1964-66) के अध्यक्ष डॉ० डी० एस० कोठारी की संस्तुति, 1967 की शिक्षा मंत्रियों की बैठक, 1967 की ही उपकुलपतियो की बैठक तथा 1969 की शिक्षा मन्त्रालय व विश्वविद्यालयो और उच्च शिक्षण सस्थाओं के प्रतिनिधियो की बैठक, जैसे विभिन्न चरणो से होती हुई राष्ट्रीय सेवा योजना की स्थापना 24 सितम्बर 1969 को देश के 37 विश्वविद्यालयों में 40,000 छात्र संस्था के साथ की गयी थी।

राष्ट्रीय सेवा योजना उद्देश्य

राष्ट्रीय सेवा योजना छात्र-छात्राओं के व्यक्तित्व में सहिष्णुता, सहभागिता, सेवाभाव, स्वावलम्बन व स्वदेश-प्रेम जैसे गुणे को समाहित करने का प्रयास करती है। इस उद्देश्य की प्राप्ति में छात्र-छात्रायें तभी सफल हो सकते है जबकि-
1) जिस समाज में वे काम करते हैं, उसे समझ सके तथा अपने आप को सम्बन्धित समाज के संदर्भ में समझने में समर्थ हो सके।
2) समाज की आवश्यकताओं व कठिनाइयो का उन्हे ज्ञान हो जिनके समाधान में वे अपनी भूमिका अदा कर सकते हो।
3) अपने में सामाजिक और नागरिक दायित्व की भावना का विकास कर सके।

सिद्धान्त वाक्य

राष्ट्रीय सेवा योजना का सिद्धान्त वाक्य अथवा प्रत्ययवचन है : "मैं नही परन्तु आप" ; छवज डम ठनज ल्वनद्ध यह सिद्धान्त वाक्य प्रजातान्त्रिक ढंग से रहने का सार बताता है नि:स्वार्थ सेवा की आवश्यकताओं का समर्थन करता है

कार्यक्रम

राष्ट्रीय सेवा योजना के अर्न्तगत दो प्रकार के कार्यक्रम निर्धारित किये गये है

1) नियमित कार्यक्रम

2) विशेष शिविर कार्यक्रम

नियमित कार्यक्रम : इस कार्यक्रम में स्वयसेवियो को अपने पजीकरण के दो वर्ष के कार्यकाल में निरन्तर 240 घण्टे राष्ट्रीय सेवा योजना की गतिविधियों में भाग लेना अनिवार्य है।

विशेष शिविर कार्यक्रम : इस कार्यक्रम में स्वयसेवियो को अभिग्रहित ग्राम में कम से कम एक सात दिवसीय विशेष शिविर में भाग लेना आवश्यक है।

राष्ट्रीय सेवा योजना प्रमाण पत्रो के लिए न्यूनतम अहंतॉए-
राष्ट्रीय सेवा योजना का सामान्य प्रमाण पत्र -शैक्षणिक सत्र के लगातार दो वर्षों में न्यूनतम 240 घण्टे तक राष्ट्रीय सेवा योजना के नियमित कार्यक्रमो में सहभागिता ।

राष्ट्रीय सेवा योजना का 'ए' प्रमाण पत्र-शैक्षणिक सत्र के लगातार दो वर्षों में न्यूनतम 240 घण्टे तक राष्ट्रीय सेवायोजना के नियमित कार्यक्रमो तथा दिन रात के एक सात दिवसीय शिविर में सहभागिता।

राष्ट्रीय सेवा योजना का 'बी' प्रमाण पत्र:- 'बी' प्रमाण पत्र के निर्धारित पाठ्यक्रम के अर्न्तगत राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रथम वर्ष के लिए पंजीकृत

स्वयंसेवी द्वारा बी प्रमाण पत्र परीक्षा में न्यूनतम 60 अंक|

राष्ट्रीय सेवा योजना का सी प्रमाण पत्र - 'सी' प्रमाण पत्र के निर्धारित पाठ्यक्रम के अर्न्तगत राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वितीय वर्ष के लिए पंजीकृत स्वयंसेवी द्वारा 'सी' प्रमाण पत्र परीक्षा में न्यूनतम 60 अक के साथ-साथ निम्न शर्तें पूरी होनी भी अनिवार्य हैं :

(1) राष्ट्रीय सेवा योजना के नियमित कार्यक्रम में 240 घण्टे की सहभागिता ।
(2) राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा आयोजित सभी कार्यक्रमो में शत प्रतिशत उपस्थिति ।
(3) राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा आयोजित रात व दिन के सात दिवसीय विशेष कैम्प मे सहभागिता |